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tales

चलो कहीं दूर सिर्फ हम तुम

सोचता हूँ ख्वाबों की दुनिया 
से निकल कर कुछ पल हक़ीक़त 
में तुम्हारे साथ बिताऊं .....

तुम्हारे पास बैठूं 
काफ़ी वक़्त निकाल कर 
तुम्हे मेरा गाना बहुत पसंद है 
न तुम लाइव सुनना चाहती थी
ना लो आज उस ख्वाइश को
भी साकार कर देता हूँ.....

मन करता है
पूछुं तुमसे तुम्हारी नेलपॉलिश 
का रंग ....
जो शायद तुमने मेरे लिए ही
लगाई हो क्यों कि मुझे 
लाल रंग पसन्द है ना...

तुम्हारे मन मे भी कुछ सवाल
होंगे या मन मे ही तुम बहुत कुछ
पूछना चाहती हो मुझसे ....
पर मुझे खोने के डर से 
कभी पूछ न सकी....

मूझे अब तुम्हारी ये खामोशी 
बेचैन करने लगी है ...
बहुत कुछ बदल गया है अब
एक अरसे से खुद को स्थगित 
किये जा रहा हूँ किसी सुखद
फैसले के इंतज़ार में .....

चलो कुछ दिन का अंतराल 
लेते हैं दुनिया भर की तमाम
उलझनों से और चलते हैं 
कहीं दूर जहां बस रात हो
चांद हो प्यार हो 
बस प्यार की बात हो.....

चलो कहीं दूर सिर्फ
हम तुम......